13. भगवान विमलनाथ (मुख्य)
१३ वें तीर्थकर ” काम्पिल्य नगर के राजा कृतवर्मा रानी जयश्यामा के पुत्र ” इनकी आयु ६० लाख वर्ष, शरीर ६० धनुष ऊँचा (२४० हाथ ). वर्ण तप्त स्वर्ण के समान कांतिमान था ” मेष विघटन देखकर वैराग्य को प्राप्त हुए “
१३ वें तीर्थकर ” काम्पिल्य नगर के राजा कृतवर्मा रानी जयश्यामा के पुत्र ” इनकी आयु ६० लाख वर्ष, शरीर ६० धनुष ऊँचा (२४० हाथ ). वर्ण तप्त स्वर्ण के समान कांतिमान था ” मेष विघटन देखकर वैराग्य को प्राप्त हुए “
वर्तमान चौबीसी के चतुर्थ तीर्थंकर भगवान अभिनन्दननाथ का जन्म अयोध्या में माघ सुदी बारस के दिन हुआ | गर्भ जन्म के साथ-साथ तप एवं केवलज्ञान कल्याणक क भी अयोध्या में ही हुए एवं शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर से इन्निहोंने र्वाण को प्राप्त किया|