मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र बीसवीं सदी के प्रथमाचार्य चारित्रचक्रवर्ती श्री १०८ शांतिसागर जी महाराज की अक्षुण्ण परम्परा के पंचम पट्टाधीश आचार्यश्री १०८ श्रेयांससागर महाराज की प्रेरणा से लगभग २५-३० वर्ष पूर्व इस तीर्थ के विकास का कार्य एवं जीर्णोद्धार प्रारंभ हुआ। वहाँ के आर्यिका संघ के, क्षेत्र के ट्रस्टियों एवं महाराष्ट्र प्रान्तीय भक्तों के विशेष आग्रह पर…
“ उ “ प्रश्नोत्तरी प्रश्न १- गोत्र कर्म के कितने और कौन से भेद है? उत्तर- गोत्र कर्म के दो भेद है- (१) उच्चगोत्र (२) नीचगोत्र। प्रश्न २- उच्च गोत्र किसे कहते है? उत्तर- जिसके उदय से जीव लोकमान्य कुल में देह धारण करे उसे उच्च गोत्र कहते है। प्रश्न ३- नीच गोत्र किसे कहते…
‘ऊ’ प्रश्नोत्तरी प्रश्न १- ऊर्जयन्त पर्वत से कौन-२ मोक्ष गए? उत्तर- ऊर्जयन्त पर्वत से भगवान नेमिनाथ, प्रद्युम्न, शंबुकुमार, अनिरूद्धकुमार आदि बहत्तर करोड़ सात सौ मुनियों ने मोक्ष प्राप्त किया है। प्रश्न २- स्वयंभू स्तोत्र में ऊर्जयन्त पर्वत की क्या विशेषता लिखी है? उत्तर- स्वयंभू स्तोत्र में लिखा है- हे ऊर्जयन्त! तू इस पृथ्वीतल के मध्य…