अकरणीय!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] ==अकरणीय :== कि तुमंधो सि किन्वा सि धत्तूरिओ। अहव कि सन्निवाएण आऊरिओ।। अमयसमधम्म जं विस व अवमन्नसे। विसयविस विसम अमियं व बहु मन्नसे।। —इन्द्रियपराजयशतक : ७४ हे मनुष्य ! क्या तू अंधा बन गया है ? या क्या तूने धतूरा—पान किया है ? अथवा क्या तू सन्निपात रोग से पागल बन गया है…