महावीर की अहिंसा (Mahavir’s Non-Violence)
महावीर की अहिंसा का सिर्फ स्वाद लिया है मैंने -महात्मा गाँधी ‘अहिंसा परमोधर्म:’ से भारी शोध दुनिया में दूसरा नहीं है । जब तक हम संसार के व्यवहार में रहते हैं और हमारी आत्मा का व्यवहार शरीर से रहता है, तब तक कुछ—कुछहिंसा हम से होती ही रहती है । पर, जिस िहसा को हम…