आचार्य श्री शांतिसागर जी – चालीसा
चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर चालीसा रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती दोहा सन्मति शासन को नमूँ, नमूँ शारदा सार। कुन्दकुन्द आचार्य की, महिमा मन में धार।।१।। इसी शुद्ध आम्नाय में, हुए कई आचार्य। सदी बीसवीं के प्रथम, शान्तिसागराचार्य।।२।। ये चारित चक्री मुनी, गुरूओं के गुरू मान्य। चालीसा इनका कहूँ, पढ़ो...