पर्याय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्याय Body form constant variations in the attributes of any matter are called paryaya. जो स्वभाव विभाव रुप से गमन करती है परिणमन करती है वह पर्याय है। अथवा द्रव्य मे प्रतिसमय होने वाला गुणो का परिणमन पर्याय कहलाती हैं।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्याय Body form constant variations in the attributes of any matter are called paryaya. जो स्वभाव विभाव रुप से गमन करती है परिणमन करती है वह पर्याय है। अथवा द्रव्य मे प्रतिसमय होने वाला गुणो का परिणमन पर्याय कहलाती हैं।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पश्चात् स्तुति दोष A fault of food and hermitage pertaining to a saint. आहार एवं वसतिका का एक दोष। दान ग्रहण करने के पश्चात् साधु द्वारा ग्रहस्थ की प्रशंसा करना।
[[श्रेणी: स्पेशल वीडियो]] ==कॉस्मेटिक्स बनने की क्रिया == {” class=”wikitable” width=”100%” align=”center” “- ” {{#ev:youtube”HwGd3OhiFBI “320”center”}} “}
[[श्रेणी: स्पेशल वीडियो]] ==बोन चाईना के बर्तन == {” class=”wikitable” width=”100%” align=”center” “- ” {{#ev:youtube” ic6Ld6FmNbU “320”center”}} “}
सन्डे हो या मन्डे, कोई कभी न खाये अंडे संजय जैन क्या तुमने कभी सोचा है की – अंग लाश के खा जाए क्या फ़िर भी वो इंसान है ? पेट तुम्हारा मुर्दाघर है या कोई कब्रिस्तान ? आँखे कितना रोती हैं जब उंगली अपनी जलती है।। सोचो उस तड़पन की हद जब जिस्म पे…
अर्हं बीजाक्षर का ध्यान! – पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी सर्वप्रथम पद्मासन या अर्द्धपद्मासन लगाकर बैठें नासाग्र दृष्टि रखें नहीं तो आँख बंद करके भी बैठ सकते हैं ” योग मुद्रा में बैठें “अपने अंतर्चक्षु से देखें कि हमारे ह्रदय में एक सुन्दर कमल खिला हुआ है ” बहुत सुन्दर सोलह पंखुड़ियों का…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्याप्ति The gaining by the soul of the capacity to develop fully the characteristics of the body into which it incarnates. योनि स्थान मे जीव के प्रवेश होने के पश्चात् अन्तर्मुहर्त मे आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वासोच्छ्वास, भाषा एंव मन, इन 6 पर्यात्तियो की पूर्णता होना जो पूर्ण शारीरिक विकास के लिए आधारभूत है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्याप्ति नाम कर्म प्रकृति A type of physique making karma causing complete development of body. श्वासोव्छ्वास, भाषा व मन इन छह पर्याप्तियो की पूर्णता होती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्याप्त (जीव) Those who have got completion of 6 paryaptis in Antarmuhaurta. जो जीव पर्याप्ति नामकर्म के उदय से आहार, शरीर आदि पर्याप्तियो को अन्तर्मुहर्त मे पूर्ण कर लेते हे।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्यंकासन Cross legged posture of meditation. दोनो जंधाओ को आपस मे मिलाकर ऊपर नीचे रखने से पर्यंकासन कहते है, पदासन।