राम—सीता का विवाह
राम—सीता का विवाह (६) क्या समय रहा होगा वह भी, जब रचा स्वयंवर सीता का। कितने ही विद्याधर आये, आया समूह राजाओं का ।। पर रामचंद्र सा दिव्यपुरुष, उस राज्य सभा में कोई नहीं। जो देवों से रक्षित—पूजित, वह धनुष तोड़ दे शक्ति नहीं।। (७) जो धनुष हिला न सके कोई, उसको रघुवर ने पलभर…