गुरुभक्ति!
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] ==गुरुभक्ति== जा घर गुरु की भक्ति नहीं ,संत नहीं मेहमान ” ता घर जम डेरा दिया ,जीवत भये मसान “” अर्थात् जिस घर में गुरु की भक्ति नहीं होती है और संत के चरण नहीं पड़ते हैं उस घर में बुराई ही अपना डेरा जमाकर बैठ जाती है “जीते -जागते लोगों के रहते…