जैन धर्मं के विषय में विदेशी विद्वानों के अभिमत!
विदेशी विद्वानों के अभिमत १. सुप्रसिद्ध संस्कृतज्ञ प्रोपेसर डॉ. हर्मन जेकोबी एम. ए., पी. एच, डी. बोन जर्मनी लिखते हैं— जैन धर्म सर्वथा स्वतंत्र धर्म है। मेरा विश्वास है कि वह किसी का अनुकरण नहीं है और इसीलिए प्राचीन भारतवर्ष के तत्वज्ञान का और धर्म प्रद्धति का अध्ययन करने वालों के लिए वह बड़े महत्व…