चिन्तामणि १००८ भगवान पार्श्वनाथ के जीवन से हमें क्या शिक्षा ग्रहण करना चाहिए?!
चिन्तामणि १००८ भगवान पार्श्वनाथ के जीवन से हमें क्या शिक्षा ग्रहण करना चाहिए? लेखिका—ब्र. कु. बीना जैन (संघस्थ) ‘‘भव संकट हर्ता पाश्र्वनाथ विघ्नों के संहारक तुम हो। हे महामना है क्षमाशील मुझमें भी पूर्ण क्षमा भर दोे।। यद्यपि मैंने शिवपथ पाया पर यह विघ्नों से भरा हुआ। इन विघ्नों को अब दूर करो सब सिद्धि…