कौन कहता है भगवान महावीर जैनधर्म के संस्थापक हैं? यह धर्मपरायण देश है, यहाँ मजहबी भेदभाव नहीं है। उपासना पद्धति को लेकर शास्त्रार्थ तो होते रहे हैं लेकिन इस देश की विशेषता रही है कि दूसरे के सत्य को भी स्वीकार करने की तत्परता रही है। यह प्रसन्नता की बात है कि भगवान ऋषभदेव जी…
भगवान महावीर के जीवन से संबंधित दिगम्बर एवं श्वेताम्बर परम्परानुसार भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण -पीठाधीश क्षुल्लक मोतीसागर श्वेताम्बर-महावीर पहले देवानंदा नामक ब्राह्मणी के गर्भ में आये पुनः इन्द्र ने उनका गर्भपरिवर्तन करके रानी त्रिशला के गर्भ में स्थापित किया। दिगम्बर- भगवान महावीर ने त्रिशला के गर्भ में ही अवतार लिया। श्वेताम्बर-बिहार प्रान्त के ‘लिछवाड़’ ग्राम में महावीर…
हिन्दी पद साहित्य में भगवान महावीर -(स्व.) डॉ. कस्तूरचंद कासलीवाल जयपुर (राज.) हिन्दी साहित्य में पदों का विशेष महत्व है। इस भाषा के प्राय: सभी भक्त एवं सन्त कवियों ने पद साहित्य का निर्माण किया है। कबीरदास, सूरदास, मीरा, तुलसीदास जैसे महाकवियों ने भक्तिपरक, आध्यात्मिक एवं शृंगार परक पद लिखकर हिन्दी साहित्य का ही महत्व…
श्रद्धा के धरातल पर बना भव्य कुण्डलपुर भगवान महावीर जन्मभूमि, जिसे हमने अपने होश संभालने के साथ ही कुण्डलपुर के रूप में पढ़ा था, जाना था, गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा विकास की प्रेरणा दिये जाने के फलस्वरूप ही दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वास्तव में यहाँ की प्राकृतिक छटा में भगवान महावीर के दिव्य…