पंचपरमेष्ठी व्रत विधि!
पंचपरमेष्ठी व्रत विधि पंचपरमेष्ठी के मूलगुणों की आराधना करते हुए यह व्रत किया जाता है। इसमें अरहंत परमेष्ठी के ४६ व्रत हैं, सिद्ध परमेष्ठी के ८, आचार्य के ३६, उपाध्याय के २५ एवं साधु के २८ गुणों के मंत्रों की जाप्य की जाती है। ४६±८±३६±२५±२८·१४३ व्रत, १४३ मूलगुणों के लिये किए जाते हैं। व्रत की…