अष्टसहस्री!
अष्टसहस्री –आचार्य श्री विद्यानंदि स्वामी द्वारा आठ हज़ार श्लोक प्रमाण लिखी गई संस्कृत टीका का नाम है – अष्टसहस्री
अष्टसहस्री –आचार्य श्री विद्यानंदि स्वामी द्वारा आठ हज़ार श्लोक प्रमाण लिखी गई संस्कृत टीका का नाम है – अष्टसहस्री
गर्भ कल्याणक-तीर्थंकर भगवान जब माता के गर्भ में आते हैं तब उनकी माता रात्रि के पिछले प्रहर में १६ स्वप्न देखती हैं और स्वर्ग से इन्द्र – देवता आकर महोत्सव मनाते हैं , उसी को गर्भकल्याणक कहते हैं ।
जिस प्रकार कीड़ा कपड़ों को नष्ट कर देता है , उसी प्रकार ईर्ष्या मनुष्य को नष्ट कर देती है ।
रोहिणी व्रत –आकाश में जब रोहिणी नक्षत्र का उदय होता है तब इस व्रत को किया जाता है ।हर सत्ताइस दिन में यह व्रत आता है ।यह व्रत ३ वर्ष- ५ वर्ष – ७ वर्ष या ९ वर्ष तक यह व्रत किया जाता है ।इस व्रत में भगवान वासुपूज्यनाथ की पूजन और जाप्य करते हैं…
प्रश्न – जैन रामायण किसने लिखा है ?उत्तर – जैन रामायण श्री रविषेण आचार्य ने लिखी है । उसका नाम पद्मपुराण है ।यह तीन भागों में प्रकाशित है ।
Palitana Shri Shatrunjaya Digamber Jain Dharmshala Bhairav Pura, Place & Post – Palitana, District – Bhav Nagar (Gujarat) Pin – 364270 Phone 02848-252542 About Shatrunjaya Teerth : Shri Shatrunjaya Giri, Palitana is an ancient famous place of salvation, from where three Pandavas Yudhishthir, Bheem & Arjun got Nirvana (Attain full & final liberation from world)….
जनकOriginator, Father of ‘Sita’ and the king of Mithilapuri. प्रारम्भ करने वाला , मिथिलापुर के राजा सीता के पिता ।
चर्मण्वतीA river of Bharat Kshetra in Arya Khand. भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी ।
THE THREE LOKAS At a very middle of alokåså¹a, there exists human-like lokåkå¹a having a dimension of 343 rajjus and being contaminated with five types of fluids like Jîva, Pudgala, Dharma, Adharma and Kåla. Beginningless and endless, it was generated by itself. It is divided into three parts as mentioned below : 1. Adholoka —its…