भगवान श्री वासुपूज्य जिनपूजा!
भगवान श्री वासुपूज्य जिनपूजा अथ स्थापना गीता छंद श्रीवासुपूज्य जिनेन्द्र वासव-गणों से पूजित सदा।इक्ष्वाकुवंश दिनेश काश्यप-गोत्र पुंगव शर्मदा।।सफंप्तद्र्धिभूषित गणधरों से, पूज्य त्रिभुवन वंद्य हैं।आह्वान कर पूजूँ यहाँ, मिट जायेगा भव फंद है।। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो…