चर्मण्वती!
चर्मण्वतीA river of Bharat Kshetra in Arya Khand. भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी ।
चर्मण्वतीA river of Bharat Kshetra in Arya Khand. भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी ।
THE THREE LOKAS At a very middle of alokåså¹a, there exists human-like lokåkå¹a having a dimension of 343 rajjus and being contaminated with five types of fluids like Jîva, Pudgala, Dharma, Adharma and Kåla. Beginningless and endless, it was generated by itself. It is divided into three parts as mentioned below : 1. Adholoka —its…
Five Anuvratas AND Sallekhna According to Jain tradition, there are four types of destinities i.e. gatis in the world. These are Manushaya (human), Tiryanch (sub-human), Naraki (hellish-beings) and Dev (celestials). Out of these, Manushaya Gati i.e. human beings are the best because they have the power of thinking and so they can adopt different vows…
गृह Residence, Homes, Dwelling places. घर, समाज के विभिन्न वर्गों के आवास Residence, Homes, Dwelling places.
गृद्धिGreediness, Passional longings or desires. लोभ, पिपासा-विषयों की अति लालसा Residence, Homes, Dwelling places.
गृद्धपृष्ठA type of suicide (due to the fear of king etc.) दुष्काल, राजा आदि के ब्व्हय वसे शास्त्र से शास्त्र से मरना
अस्नान Untouchables, Impure. साधु का एक मूलगुण , जल से नहाना रूप स्नानादि क्रियाओं को छोड़ देना
मोक्ष कल्याणक – समस्त कर्मों को नाश करके तीर्थंकर भगवान जब सिद्ध शिला पर पहुँच जाते हैं , तब उस अवस्था का नाम होता है – मोक्ष कल्याणक ।
भगवान शांतिनाथ जैनधर्म के चौबीस तीर्थंकरों में से सोलहवें तीर्थंकर का नाम है – शांतिनाथ ।भगवान शांतिनाथ ने हस्तिनापुर में जन्म लिया तथा उनके गर्भ – जन्म – तप एवं ज्ञान ये चार कल्याणक हस्तिनापुर में हुए और मोक्ष कल्याणक सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र से हुआ था।इनका चिन्ह हिरण है । ये तीर्थंकर- चक्रवर्ती – कामदेव इन…