श्रावक धर्म
[[श्रेणी:कुन्दकुन्द_वाणी]] == श्रावक धर्म संकलनकर्त्री- गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी हिन्दी पद्यानुवादकर्त्री- आर्यिका चंदनामती चारित्र के दो भेद— जिणणाणदिट्ठिसुद्धं, पढमं सम्मत्तचरणचारित्तं। विदियं संजमचरणं, जिणणाणसदेसियं तं पि।।। (चारित्रपाहुड़ गाथा-५) शंभु छन्द— सम्यक्तवचरण चारित्र प्रथम, श्री जिनवर ने उपदेशा है। जो सम्यग्दर्शन और ज्ञान, से शुद्ध चरित निर्देशा है।। दूजा है संयमचरण चरित जो, सकल विकल द्वयरूप कहा।…