वर्तमान चौबीसी के चतुर्थ तीर्थंकर भगवान अभिनन्दननाथ का जन्म अयोध्या में माघ सुदी बारस के दिन हुआ | गर्भ जन्म के साथ-साथ तप एवं केवलज्ञान कल्याणक क भी अयोध्या में ही हुए एवं शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर से इन्निहोंने र्वाण को प्राप्त किया|
श्री संभवनाथ भगवान चौबीस तीर्थंकर में से तृतीय नंबर के तीर्थंकर हैं | इनका जन्म श्रावस्ती (जिला- बहराइच) उत्तर प्रदेश में हुआ एवं इन्होंने मोक्ष सम्मेदशिखर जी से प्राप्त किया | भगवान संभवनाथ का विधान पूजा आरती चालीसा आदि भी पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी एवं पूज्य आर्यिका श्री चंदनामती माताजी द्वारा लिखे गये हैं वो भी आप सबके पढने के लिए यहाँ उपलब्ध हैं|
श्री अजितनाथ भगवान वर्तमान चौबीसी के द्वितीय तीर्थंकर हैं | भगवान ने गर्भ-जन्म-तप और केवलज्ञान अयोध्या एवं मोक्ष सम्मेदशिखर से प्राप्त किया |
तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जीवन दर्शन (Life-sketch of First Teerthankar Bhagwan Rishabhdev) जन्म भूमि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) प्रथम आहार हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस द्वारा (इक्षुरस) पिता महाराज नाभिराय केवलज्ञान फाल्गुन कृ.११ माता महारानी मरूदेवी मोक्ष माघ कृ.१४ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल कैलाश पर्वत वंश इक्ष्वाकु समवसरण में गणधर श्री वृषभसेन आदि ८४…
Religious Order (1) Omniscients (KevalÍ) : The day Lord MahÂvÍra attained salvation, his chief-disciple (Gaàadhara) Gautama acquired omniscience. The day Gautama attained salvation, Sudharm SvÂmÍ gained omniscience. On his salvation, Jambö SvÂmÍ became omniscient. After the salvation of Jambö SvÂmÍ, there was no adjunct omniscient(Anubaddha KevalÍ). The period between attaining the omniscience by Gautama and…
ऊर्जयन्त (गिरनार पर्वत का दूसरा नाम ) पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने ‘उषा वन्दना’ में सिद्ध पद प्राप्त मुनियों की वन्दना की है । ‘‘ऊर्जयन्त से नेमिप्रभु प्रद्युम्न, शंभु अनिरुद्धारिक । कोटि-बहत्तर सात शतक मुनि, सिद्ध हुए हैं वंदो नित ।’’ निर्वाणकाड में भी लिखा है – ‘‘णेमिसामि पज्जुण्णो संबुकुमारो तहेव अणिरुद्धो ।…