तत्वार्थ सूत्र-आधुनिक परिप्रेक्ष्य में
तत्वार्थ सूत्र-आधुनिक परिप्रेक्ष्य में संसारी जीवों में मनुष्य का जीवन सर्वोत्कृष्ट है। यह भौतिक एवं भावात्मक धरातलों पर इतनी सूक्ष्मता से एकमेक है कि भावों की सत्ता और प्रवाह उसे समझ नहीं आते—मात्र प्रभावों में वह डूबता उतराता अपना जीवन बिता देता है। भाव और इच्छाएँ उसे घेरे में लेकर सागर सी लहरों पर लहर…