अहिंसा विवेचन
अहिंसा विवेचन अहिंसा मानसिक पवित्रता का नाम है। उसके व्यापक क्षेत्र में सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह आदि सभी सद्गुण समा जाते हैं। इसीलिये अहिंसा को ‘परम—धर्म’ कहा गया है। संसार में जल—थल और आकाश सर्वत्र सूक्ष्म—जीव भरे हुये हैं, इसलिये बाह्य आचरण में पूर्ण अहिंसक होकर रहना सम्भव नहीं है। परन्तु यदि अन्तरंग में…