बुधग्रहारिष्टनिवारक श्री मल्लिनाथ चालीसा
बुधग्रहारिष्टनिवारक श्री मल्लिनाथ चालीसा दोहा वन्दूं श्री जिन मल्लिप्रभु , वीतराग सुखकार | काममल्ल को जीतकर , पद पाया अविकार ||१|| उन्निसवें तीर्थेश के, पद वंदन शत बार | चालीसा पढकर लहूँ , स्वात्मधाम सुखकार ||२|| चौपाई मल्लिप्रभु यम मल्ल विजेता , मोक्षमार्ग के बन गए नेता ||१|| आत्मा में जब रमण कर लिया ,...