अष्टमी क्रिया ( संस्कृत )
1 2 3 4 5 6 अष्टमी क्रिया ‘‘स्यात् सिद्धश्रुतचारित्रशांतिभक्त्यष्टमी क्रिया। अर्थात् प्रत्येक मास की दोनों अष्टमी तिथि के दिन जैन साधु-साध्वियां ’’ सिद्धभक्ति, श्रुतभक्ति, सालोचना चारित्रभक्ति और शांतिभक्ति ऐसी चार भक्तियां करें, ऐसा मूलाचारादि संहिताग्रन्थों में कहा है । उसकी विधि इस प्रकार है- नमोऽस्तु अष्टमीपर्वक्रियायां.....सिद्धभक्तिकायोत्सर्गं करोम्यहं। (पंचांग नमस्कार करके तीन आवर्त एक शिरोनति...