मंगल स्तुति
मंगलस्तुति जिनने तीन लोक त्रैकालिक ,सकल वस्तु को देख लिया। लोकालोक प्रकाशी ज्ञानी, युगपत सबको जान लिया॥ राग द्वेष जर मरणभयावह , नही जिनका संस्पर्श करें। अक्षय सुख पथ के वे नेता, जग में मंगल सदा करें॥१॥ चन्द्र किरण चंदन गंगा जल से भी शीतल जो वाणी। जन्म मरण भय रोग निवारण करने में है...