तीर्थंकर भगवान श्री धर्मनाथ चालीसा
तीर्थंकर भगवान श्री धर्मनाथ चालीसा प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती दोहा धर्मनाथ तीर्थेश को, वन्दूँ बारम्बार। धर्मध्यान को प्राप्त कर, हो जाऊँ भवपार।।१।। धर्मनाथ भगवान का, चालीसा सुखकार। पढ़ो सभी भव्यात्मा, करो आत्म उद्धार।।२।। चौपाई जय जय धर्मनाथ तीर्थंकर, जय जय धर्मधाम क्षेमंकर।।१।। जय इस युग के धर्म धुरन्धर, धर्मनाथ प्रभु विश्वहितंकर।।२।। पन्द्रहवें तीर्थंकर जिनवर, जिनशासन के...