सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि!
सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि यह व्रत ३३ प्रकार की अत्यासादना को दूर करके आत्मशुद्धि के लिए किया जाता है। इसमें ३३ व्रत होते हैं। प्रथमत: समुच्चय मंत्र है— पुन: पाँच महाव्रत के ५, पाँच समिति के ५, तीनगुप्ति के ३ ऐसे १३ व्रत हैं। पाँच अस्तिकाय के ५, छह षट्कायिक जीव के ६ और नव पदार्थ…