विहार!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहार –Vihara. Movement of Jaina saints on foot from one place to another. गमन, एक स्थान पर रहने से राग बढ़ता है इसलिए जैन साधु विहार करते हैं ” वर्षायोग के अतिरिक्त अधिक काल एक स्थान पर नहीं ठहरते “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहार –Vihara. Movement of Jaina saints on foot from one place to another. गमन, एक स्थान पर रहने से राग बढ़ता है इसलिए जैन साधु विहार करते हैं ” वर्षायोग के अतिरिक्त अधिक काल एक स्थान पर नहीं ठहरते “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – Bhava. Volition, feeling, thought – activity, Nature of sen-tient and non-sentient matters. जीव के परिणाम, चेतन व अचेतन द्रव्यों के अनेकों स्वभाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रृंखलित – Shrinkhalita. Fettered like standing, an infracting of posture of meditative relaxation. कायोत्सर्ग का एक दोष; बेडी से जक्स्दे मनुष्य की भांति खड़े होना “
देवसेन An Acharya, disciple of Veersen (Dhavalåkar).आचार्य ई. 820-870 मं वीरसेन (धवलाकार) के शिष्य महाधवल सिद्धांत 40,000 श्लोक के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Father’s name of the 5th Teerthankar (Jaina-Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 5 वें तीर्थंकर के पिता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्रा पृथिवी Name of an earth of middle universe with 1000 Yojanas. मध्यलोक की १००० योजन मोती पृथिवी का नाम यह चित्र विचित्र अनेक धातुओं , मणियों से युक्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कुशिष्य : == देंतोच्चिय उवएसं हवइ कयत्थो गुरु सुसीसाणं। विवरीयाण निरत्थो दिणयरतेओ व्व उलुयाणं।। —पउमचरिउ : ५०५ सुशिष्यों को उपदेश देने पर गुरु कृतार्थ होता है, किन्तु जिस तरह उल्लू के लिए सूर्य निरर्थक होता है, उसी तरह विपरीत अर्थात् कुशिष्यों को उपदेश देने पर वह निरर्थक हो जाता है।…
चन्द्रकान्त A king of Yadu dynasty. वासुदेव का पुत्र. यदुवंश का राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधि संधारणता – Samaadhi Sandhaaranataa. Engrossment into deep meditation for holy death. समयक् प्रकार से समाधि धारण करने की भावना का नाम समाधि संधारणता है। इससे तीर्थकर नामकर्म का बंध होता है। षट्खण्डागम सूत्र मे सोलहकारण भावनाओ मे यह एक भावना कही है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिसंघ – Namdisamgha A group of Digambara jain Saints. दिगम्बर जैन साधुओं का एक संघ ”