चतुर्भावना!
चतुर्भावना Four types of emotions or sentiments. मैत्री, प्रमोद , कारुण्य , मध्यस्थ भावना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्भावना Four types of emotions or sentiments. मैत्री, प्रमोद , कारुण्य , मध्यस्थ भावना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यमा – Madhyama. A particular type of language (word – grouping) related to Jaina philosophy. भाषा; शब्दवर्गणारूप द्रव्य वचन ” शब्दाद्वैतवादी द्वारा माने गये वाणी के चार भेदों में एक भेद ; जो श्वासोच्छ्वास का उल्लंघन कर अनुकर्म से प्रवते॔, इसे जैनियों ने शब्द वर्गणारूप द्रव्य वचन कहा है “
चतुर्मासिक प्रतिक्रमण A type of penitence which is to be conducted after four months’ staying of a Jain rsaint in rainy season. प्रतिक्रमण का एक भेद ; चार-चार माह में किया जाने वाला प्रत्क्रमण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम आराधना- Madhyama Aradhana. A type of adoration related to the spiritual development of soul at the path of salvation. भक्त प्रत्याखयान की वह आराधना जिस का पालन कर शरीर का त्याग करने वाले मुनिराज विशुद्ध लेश्या को धारण कर अनुत्रवासी देवों में उत्पन्न होतें हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रहत्कथासरितसागर – Brhatkathasaritasagara. A book written by Acharya Somdeva . आचार्य सोमदेव (ई. श. १९ मध्य ) द्वारा रचित एक कथाकोष “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अवगाहना – Madhyama Avagahana. A kind of occupancy. अवगाहना के तीन भेदों में एक भेद “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विषय : == खेलम्मि पडिअमप्पं जह न तरइ मच्छिआवि मोएऊं। तह विसयखेलपडिअं न तरइ, अप्पंपि कामंधो।। —इन्द्रियपराजय शतक : ४६ जिस तरह श्लेष्म में पड़ी हुई मक्खी श्लेष्म से बाहर निकलने में असमर्थ होती है, वैसे ही विषयरूपी श्लेष्म में पड़ा हुआ व्यक्ति अपने आपको विषय से अलग…
चाँदखेड़ी(तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra in Jhalavad Dist. (Raj.) at the bank of river Rupli. The micraculous idol of Lord Rishabhdev is installed here. राजस्थान के झालावाड़ जिले में रूपाली नदी के तट पर अवस्थित एक दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र . यहाँ पर भगवान ऋषभदेव की चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुकैटभ- Madhukaitabha. Name of the 4th Pratinarayan. चतुर्थ प्रतिनारायण का नाम “