द्वीपसागरप्रज्ञप्ति!
द्वीपसागरप्रज्ञप्ति A type of scriptural knowledge (shrutgyan). अंग श्रुतज्ञान का एक भेद, दृष्टिवाद (12 वें अंग) का एक भेद; जिसमें असंख्यात द्वीप व सागरों का 52 लाख 36 पदों में वर्णन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वीपसागरप्रज्ञप्ति A type of scriptural knowledge (shrutgyan). अंग श्रुतज्ञान का एक भेद, दृष्टिवाद (12 वें अंग) का एक भेद; जिसमें असंख्यात द्वीप व सागरों का 52 लाख 36 पदों में वर्णन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हाहांग – Haahaamga. A large unit of time. काल का एक प्रमाण। 84 अमम त्र 1 हाहांग। अथवा। अंतिम काल मे 84 से गुणित होने पर प्राप्त संख्या।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हर्षवर्धन – Harsavardhana. Name of a king of Bhoj dynasty. भोजवंशी राजा मुञज के पिता। समय ई. 940-994।
देवद्विज The supreme being, Lord Jinendra. जिनेन्द्र देव , स्वयं भू आदि परमदेव सम्बन्धी रत्नत्रय की शक्ति रूप संस्कार से जन्म लेने वाले। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिद्र – Haridra. The residential palace of Lokpal in the panduk forest of sumeru mountain. सुमेरु के पाण्डुक वन मे लोकपाल का भवन।
एक असंख्यात Something countless. एक दिशा में स्थित प्रदेश पंक्ति क्योंकि श्रेणीरूप से लोकाकाश की एक दिशा देखने पर प्रदेशो की गणना नहीं हो सकती।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदयापन्न To be in operation (of Karmic fruition). उदय को प्राप्त।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिकंठ – Harikaamta. Name of the 2nd predestined Pratinarayan. आगामी दूसरे प्रतिनारायण।
आय-ज्ञान A book written on astrology by ‘Bhattavosari’. भट्टवोसरि (ई.श.10 उत्तरार्ध) द्वारा रचित एक ज्योतिष विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सप्रतिपक्षी – Prakrti Sapratipaksi. Karmic natures having mutual contradictions. ६२ कर्म प्रक्रतियां आपस में विरोधिपना होने से सप्रतिपक्षी कही जाती हैं “