देहत्रय!
देहत्रय Three kinds of body. औदारिक , तैजस , कार्मण ये तीन शरीर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देहत्रय Three kinds of body. औदारिक , तैजस , कार्मण ये तीन शरीर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शौच – Shaucha. Purification, greedlessness, Satisfaction. पवित्रता, लोभ का अभाव, संतोष का भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशस्त गति- उत्तमगति -मनुश्य गति एवं देवगति। Prasasata Gati- Meritorious destinities-Human and celestial destinities (gatis)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमभाव – Sanyamabhaava. Restraintful temperament. उपशम भाव से धारण किये गये व्रतादि संयम भाव को प्राप्त हो जाते हैं “
चंद्रवर्मा A king of Yadu dynasty. यदुवंश का एक राजा, कृष्ण का एक पुत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवाल- मूँगा, मानुशोत्तर पर्वत पर सिथत एक कूट। Pravala- Coral, Name of a summit situated at Manushottar mountain
चातुर्दीपिक भूगोल The name of an ancient composition of geography. एक भूगोल जो रायकृष्णदास जी के लेख के अनुसार वैदिक धर्मं में मान्य सप्तद्वीपिक भूगोल से अधिक प्राचीन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गरूड़वाहिनी A type of divine power to fly over the sky. एक विद्या, इससे आकाश में गमन होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यक्ष हेतु- pratyaksa hetu Direct cause related to origination of knowledge उादिश्ट हेतु का एक भेद; अज्ञानादि का विनाषा, ज्ञज्ञन की उत्पति
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञोपवीत–Yagyopavit. Sacred thread (used for sanctifying or purificatory rites). एक संस्कार; चक्रवर्ती भरत ने 11 प्रतिमाओ के विभाग से वृतो के चिन्ह स्वरुप एक से लेकर 11 तार के सूत्र व्रतियो को दिये थे, जनेऊ; रत्नत्रय एवं सात परम स्थानो का सूतक 3 व 7 तारो का सूत्र” सभी पूजन–दान आदि क्रियाओ में…