भोगवती!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगवती:Name of female deities of summit of Gandhamadan & Gajdant mountains. गंदमादन पर्वत के लोहिताक्ष कूट की स्वामिनी दिक्कुमारी देवी, माल्यवान्गजदंत स्थित सागर कूट की स्वामिनी देवी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगवती:Name of female deities of summit of Gandhamadan & Gajdant mountains. गंदमादन पर्वत के लोहिताक्ष कूट की स्वामिनी दिक्कुमारी देवी, माल्यवान्गजदंत स्थित सागर कूट की स्वामिनी देवी “
इक्षुरस Juice of sugar cane. गन्ने का रस Sugar-cane juice. गन्ने का रस जिससे शक्कर गुड आदि बनते है। इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने एक वर्ष उन्तालीस दिन के उपवास के पश्चात हस्तिनापुर में राजा श्रेयांस द्वारा इक्षुरस का प्रथम आहार ग्रहण किया था। Seventh island and ocean of middle universe. मध्यलोक…
घटमान योगी A meditator (the one expert in meditation and Yoga). जिसको योग का ध्यान का अच्छा अभ्यास हो ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रज – धूल, ज्ञानावरण, दर्षनावरण, कर्म धूलि की तरह वस्तुओ का बोध और अनुभव में प्रतिबंध होने से रज कहलाते है। Raja-sand, Dust, Knowledge obscuring Karmas are also called as dust
गांधार A vowel, Present Afaganistan, west side of Jahalum of Punjab, A country of Bharat kshetra in Arya khand ( a region). एक स्वर, वर्तमान कंधार या अफगानिस्तान देश देश, पंजाब के जलहुम से पश्चिम का भाग, भरत क्षेत्र आर्य खण्ड का एक देश ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्रदत्त – भगवान ऋशभदेव के तीर्थ में एक ब्राहमण जो पूजा के लिए प्राप्त द्रव्य से जुआ खेलने के फलस्वरूम सातवें नरक में गया।चारूदत्त का व्यसनी चाचा, चारूदत्त को व्यसनी इसी ने बनाया था। Rudradatta-Name of a Brahmin in the era of lord Rishabhdev who went into 7th hell because of gambling, Name of…
गुणहानि स्पर्द्धक Geometric regression super variform (aggregate of karmic molecules). एक गुणहानि के स्पर्द्धकों या कर्म द्रव्य की वर्गणाओं का समूह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व स्पर्धक – Poorva Spardhaka. Group of veriform with variated fruitional intencity of Karmic nature in wordly state. संसार अवस्था में देशघाति व सर्वघाति प्रकृतियों का जघन्य से उत्कृष्ट पर्यत्न अनुभाग रहता है, उससे युक्त स्पर्द्धक पूर्वस्पर्धक कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योनिमती तिर्यंचनी (तिरश्ची)- भाव स्त्रीवेद के उदय तिर्यच, तिर्यचनी, जिनका द्रव्यवेद पुरूश स्त्री या नपुंसक कोई भी हो सकता है। Yonimati Tiryarhcani (tirasci)-Those Tiryanch beings who are female according to Bhav ved but who might be male, female or hermaphrodite according to Dravya ved
गणितसारसंग्रह A book witten by Mahaviracharya. महावीराचार्य (ई.८००-८३०) द्वारा रचित एक गणित विषयक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]