पद्मदल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मदल: A cluster of Lotus flowers, Lotus petals. कमलो का समूह।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मदल: A cluster of Lotus flowers, Lotus petals. कमलो का समूह।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णुकुमार –Visnukumara. A great saint; the son of Chakravarti (emperor) ‘Mahapadma; ultimately who got salvation. महापध्न चक्रवर्ती के पुत्र एक महामुनि ” अक्म्पनाचार्य के ७०० मुनियों के संघ पर बलि कृत उपसर्ग को अपनी विक्रिया ऋध्दी द्वारा दूर किया, अंत में तप कर मोक्ष गये “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हैरण्यवत् – Hairanyavat. Name of the summits of Ruchak & Shikhari mountains and of their deities. रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट व उसका स्वामी देव, षिखरी पर्वतस्थ एक कूट व उसका स्वामी देव।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मोहनीय : == सेनापति निहते, यथा सेना प्रणश्यति। एवं कर्माणि नश्यन्ति, मोहनीये क्षयंगते।। —समणसुत्त : ६१३ जैसे सेनापति के मारे जाने पर सेना नष्ट हो जाती है, वैसे ही एक मोहनीय कर्म के क्षय होने पर समस्त कर्म सहज ही नष्ट हो जाते हैं।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशालाक्ष – Vishalaksha. Name of the 63rd son of king Dhritrashtra, Name of the Nagendra deity of Sphaticprabh summit of kundal mountain, Name of the 65th chief disci-ple of Lord Rishabhdev. राजा धृतराष्ट्र व रानी गांधारी का ६३ वां पुत्र, कुण्डल पर्वत के स्फटिक प्रभ कूट का स्वामी नागेन्द्र देव, भगवान वृषभदेव…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक चतुष्क –VaikriyikaCatuska. A type of quartet pertaining to the transformable body (of deities & hellish beings) देवगति, देवगत्यानु पूर्वी, नरकगति, नरकत्यानुपूर्वी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हुंडावसर्पिणी – Humdaavasarpinii. A period of Avasarpini Kal (Avasarpinii Kaala) i.e. period of downfall in which extraordinary events take place. असंख्यात अवसर्पिणी-उत्सर्पिणी काल बीत जाने पर एक हुण्डावसर्पिणी काल आता है। इसमें विशेष बाते होती हैः जैसे चक्री का अपमान, तृतीय काल मे तीर्थकर का उत्पन्न होना, तीर्थकर पर उपसर्ग होना आदि।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमज्ञान:Supreme knowledge, see-Parama Advaita.केवलज्ञान, देखें -परम अद्वैत ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतंजलि:A Yoga Philosophy] Name of a founder of Yogashastra. योग दर्षन का एक भेद-पातंजलियोग ’राज्योग’ कहलाता है।, योग शास्त्र के प्रणेता का नाम ।