प्रशान्तता क्रिया!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशान्तता क्रिया- दीक्षान्वय की एक क्रिया; नाा प्रकार के उपवास आदि की भावनाओं को प्राप्त होना। Prasantata Kriya- An act of consecration, to having feelings fasting etc
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशान्तता क्रिया- दीक्षान्वय की एक क्रिया; नाा प्रकार के उपवास आदि की भावनाओं को प्राप्त होना। Prasantata Kriya- An act of consecration, to having feelings fasting etc
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्त्व – Sattva. Earth, Water, Fire & Air are called Sattva. पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु- इन चार को सत्त्व कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्री – Shree. Prosperity, glory, brilliance, A mark of respect, Name of a city in the south of Vijayardh mountain, A female deity of Padma hrid, a large pond of Himvan mountain, A mountain of Bharat Kshetra Arya Khand (region). ऐश्वर्य, कीर्ति, यश, सरस्वती, प्रभा, आदर-सूचक शब्द जो नाम के आगे लिखा जाता है,…
छद्मस्थ Beings with hypocrisy or disguised form (upto 12th stage of spiritual development). छद्म अर्थात् ज्ञानावरण व दर्शनावरण में रहने वाले जीव , शुद्धात्म ज्ञान की अपेक्षा अल्पज्ञ जीव , १२वें गुणस्थान तक जीव छद्मस्थ होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रावक-धर्म: == सहसाभ्याख्यानं, रहसा च स्वदारमन्त्र भेदं च। मृषोपदेशं कूटलेखकरणं च वर्जयेत्।। —समणसुत्त : ३१२ (साथ ही साथ) सत्य—अणुव्रती बिना सोचे—समझे न तो कोई बात करता है, न किसी का रहस्योद्घाटन करता है, न अपनी पत्नी की कोई बात मित्रों आदि में प्रकट करता है, न मिथ्या (अहितकारी)…
ध्रुवसेन Name of a great Acharya, possessing knowledge of 11 Angas. भगवान महावीर स्वामी के पीछे हुए 11 अंगों के ज्ञाता 5 आचार्यों में चैथे आचार्य, अपरनाम द्रुमसेन। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धानवाद – Shraddhaanavaada. A philosophical doctrine. एक एकांत मत दर्शन\वाद का नाम “
ध्यानप्रवाह Course of meditation. संपूर्ण ध्यान की स्थिति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोक वेदनीय – Shoka Vedaneeya. Karma causing sorrow or grief. मोहनीय कर्म के नोकषाय वेदनीय कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव शोक का वेदन (अनुभव) करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशंसा- गुणों को प्रकट करने का भाव प्रषंसा है। Prasansa- Commendation, Admiration