त्रिवर्गगतवाद!
त्रिवर्गगतवाद A doctrine of solitariness. एक एकांत मत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिवर्गगतवाद A doctrine of solitariness. एक एकांत मत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उभयाव्यतिरेकी That which refers to both extremes. हेतु का एक शब्द- अन्वयव्यतिरेकी जिसमें अन्वय दृष्टांत व व्यतिरेक दृष्टांत दोनों होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजगृह – तीर्थकर मुनिसुव्रतनाथ के चार कल्याणक गर्भ, जन्म, दीक्षा, और केवनज्ञान प्राप्ति की भूमि एवं भगवान महावीर स्वामी की प्रथम दिव्य देषना भूमि, ये मगध देष की राजधानी थी तथा यहा राजा श्रणिक राज करते थे।यहा से जीवधर कुमार, सुधर्माचार्य आदि अनेक साधु मोक्ष गये हैं।यहां विपुलाचल आदि पाच पर्वत है इसलिए इसे…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेलित – Helita. Pushing & jostling and mocking at others while paying reverence (an infraction). वंदना का एक देष-वंदना के समय दूसरों को धक्का आदि देना या उनकी हंसी आदि करनां “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोगगति – Sanyogagati. Motion with support (like motion of chariot by elephant etc). मेघ, रथ, मूसल, आदि की क्रमशः वायु, हाथी तथा हाथ के संयोग से होने वाली गति “
देशी नाममाला A Sanskrit dictionary. एक संस्कृत शब्द कोश।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हुंडकसंस्थान – Humdakasamsthaana. Misshaped structure of body. संस्थान के 6 भेदो मे एक भेद-विषम या बेडौल शारीरिक आकृति का बनना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छिम तिर्यंच – Sammoorchchhima Tiryancha. Animals & planets etc. those caused birth by spontaneous generation (not by womb). गर्भ जन्म के अतिरिक्त संमूर्च्छिम जन्म से उत्पन्न होने वाले तिर्यंच “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिंसानंदी – Himmsaanammdi. A wicked concentration-to involve in violenceful activities with interest. रौद्रध्यान के चार भेदो मे एक भेद-तीव्र कषाय के वषीभूत होकर जीवसमूह को स्वंय मारने मे या दूसरे के द्वारा मारे जाने मे हर्षित होना और सदा हिंसा के कार्यों मे मन लगाये रखना हिंसौनंदी रौद्रध्यान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छन मनुष्य – Sammoorchchhana Manushya. Human beings caused birth by spontaneous generation (not by womb). वीर्य, नाक का मल, कफ, कान, दांतों का मल और अत्यंत अपवित्र अंगों में जो जीव तत्काल उत्पन्न होते हैं एवं जिनका शरीर अंगुल के असंख्यात भाग का रहता है और जन्म लेने के बाद ये शीघ्र नष्ट होते…