बाह्य तप: कर्म!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य तप: कर्म – Bahya Tapah Karma. A type of penance or austerity (external). तप: कर्म का एक उपभेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य तप: कर्म – Bahya Tapah Karma. A type of penance or austerity (external). तप: कर्म का एक उपभेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिखंडी – Shikhandee. Peacock, Lock of unshaved hair, Name of a son of Drupad. मयूर, बालों की चोटी, द्रुपद राजा का पुत्र-इसके बाणों से ताडित होकर भीष्म पितामह ने सन्यास धारण किया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयावलंबी – Nishchayaavalambee. Saint having absolute devotion in spiritualism. साधु; जो निश्चय व अभेद रत्नत्रय की साधाना करते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्र पठन – Shaastra Pathana. The study of scriptures and thinking over it. स्वाध्याय या आगम शास्त्रों का अध्ययन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय वात्सल्य – Nishchaya Vaatsalya. To keep real affection for soul. मुनियों द्वारा रागादि विकल्पों से रहित आनंदरूप सुखमय आत्मा के प्रति प्रीति करना “
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाप – Shaapa. Curse. क्रोधवश किसी के लिए अनिष्ट वचन कहकर दुराशीष देना ” जैन साधु किसी को शाप नहीं देते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय नय – Nishchaya Naya. Absolute standpoint. जो नय वस्तु के असली स्वभाव या अभेद रूप को ग्रहण करता है “
देशप्रत्यासत्ति A cause of bonding or co-relation of two matters or elements. संयोग का एक भेद ; दो द्रव्यों के अवयवों का सम्बद्ध रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरंभ-प्रमादी जीवों का प्राणों की हिंसा आदि कार्य में प्रयत्नशील होना समरंभ है”