पात्र अपात्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पात्र अपात्र:Worthy & non-worthy donees.सम्यक्त्व, शील और व्रत से सहित जीव पात्र एवं इनसे रहित जीव अपात्र कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पात्र अपात्र:Worthy & non-worthy donees.सम्यक्त्व, शील और व्रत से सहित जीव पात्र एवं इनसे रहित जीव अपात्र कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगवक्रता – मन वचन काय की कुटिलता। Yogavakrata-Crookedness in activities of mind, speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमुद्रा – पल्संकासन, पर्यकासन और वीरासन इन तीनो मे से किसी भी आसन के साथ, बाए हाथ की हथेली पर दाए हाथ की हथेली रखकर ध्यानावस्था में बैठना। Yogamudra-A cross legged posture of meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पांडुकवन:The fourth forest of sumeru mountain.सुमेरु पर्वत का चतुर्थ वन। इसमे 4 चैत्यालय है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षस्पर्ष नामकर्म – जिस कर्म के उदय से षरीर रूखा हो। Ruksasparsa Namakarma-A type of karma causing dry skin in body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामा – पुश्पदंतनाथ भगवान की माता का नाम Rama-Mother’s name of Tirthankar (Jaina Lord) Pushpadantnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिट्ठणेमिचरिउ – कवि स्वंयंभु कृत भगवान नेमिनाथ का जीवन वृत्त।18000 ष्लोक प्रमाण अपभ्रंष काव्य। Ritthanemicariu-Name of a religious book written by a poet Svayambhu