सुमाली!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमाली – Sumaalee. Name of the grand father of Rivan. रावण के दादा । इन्द्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगे थें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमाली – Sumaalee. Name of the grand father of Rivan. रावण के दादा । इन्द्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगे थें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिजात सिध्दार्थ वृक्ष – Parijata Siddhartha Vrksha. Name of a tree with the idols of Lord Siddha found in the 6th land of Samavasaean- holy assembly of Jaina- Lord. तीर्थंकरों के समवसरण की छठी भूमि के चार सिध्दार्थ वृक्षों- नमेरु, मंदार, संतानक एवं परिजात में से एक, जिसके मुलभाग में सिध्दों की प्रतिमाएं विराजमान…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंजन संक्रांति –Vyainjana Sainkranti. Word shifting or change in the verbal expression (reg. change in pure meditation). प्रथम शुक्ल ध्यान में एक श्रुत वचन को छोड़कर दुसरे वचन का आलम्बन लेना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लो –Lo.: A symbolic expression of the volume of universe. घनलोक की सहनानी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पामिच्छ – Pamiccha. A fault of heritage. वसतिका का एक दोष; अल्प ॠण लेकर और उसका सूद देकर अथवा न देकर संयतों के लिए वसतिका लेना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदकवि – Namdakavi A pandit who wrote ‘Sudarshan Charitra’. पंडित; सुदर्शन चरित्र के कर्ता ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिप्त –Lipta.: A kind of impurity of hands etc. while food offering to the saints. आहार से सम्बंधित दातार का एक दोष; गेरू ,हरताल,खड़िया,चावल आदि का चून, कच्चा शाक इसमें लिप्त हाथ तथा पात्र अथवा अप्रासुक जल से भीगे हाथ या बर्तन से साधु को आहार देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापप्रकृति – Papaprakrti. Demeritorious Karmic nature (obscurring karmic nature of knowledge etc.), which are 82 in number. ज्ञानावरण की ५, अन्तराय की ५, दर्शनावरण की ९, मोहनीय की २६ आदि कुल ८२ प्रक्रतियां पापप्रक्रतियां कहलाती हैं “
ध्रुवोदयी प्रकृति Karmic nature with concomitant fruition up to their annihilation. उदय व्युच्छित्ति पर्यंत जिनका उदय होता है । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ध्यानस्थ One engrossed in deep meditation. योगी, ध्यान में मग्न साधक । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]