मनुष्यगतिनामकर्मप्रकृति!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यगति नामकर्म प्रकृति – Manushyagati Naamkarma Prakrti. Physique making Karma of human being. वह कर्म प्रकृति जिसके उदय से मनुष्य के समान आकार आदि अवस्था बने “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यगति नामकर्म प्रकृति – Manushyagati Naamkarma Prakrti. Physique making Karma of human being. वह कर्म प्रकृति जिसके उदय से मनुष्य के समान आकार आदि अवस्था बने “
ऐरावत Name of a region (7th) of Jambu island, The name of Saudharma Indra’s elephant. जम्बूद्वीप का सातवाँ क्षेत्र, सौधर्म इन्द्र का हाथी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोषतिलक जयमाल – Santoshatilaka Jayamaala. A drama script written by Buchiraj. संतोष द्वारा लोभ को जीतना विषयक अपभ्रंश भाषाबद्ध कृत एक रूपक “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंप्रभ – Svayammprabha. Name of the 4th predestined Tirthankar (Jaina Lord), name of a summit of Ruchak mountain. भावीकालीन चैथे तीर्थकर, रुचक पर्वतस्थ एक कूट।
गणबद्ध A type of peripatetic deities. चक्रवर्ती की निधि और रत्नों की रक्षा करने वाले १६००० गणबद्ध जाति के व्यन्तरदेव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तार सम्यग्दर्शन –VistaraSamyagdarsana. Right faith after thorough learning of scriptures. सम्यकत्व के १० भेदों में सातवा भेद, जीव आदि तत्त्वों को विस्तार रूप, से सुनकर जो श्रध्दान हो वह विस्तार सम्यग्दर्शन है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव द्रव्य व्यंजन पर्याय – Svabhaava Dravya Vyamjana Paryaaya. Natural state of soul points in the salvated form. बिना दूसरे के निमित से जो व्यंजन पर्याय होती है वह स्वभाव द्रव्य व्यंजन पर्याय है। जीव का सिद्वपने का आकार या जीव की सिद्वपर्याय।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वभाव अनित्य नय – Svabhaava Anitya Naya. A standpoint related to non-eternity in pure nature.सत्तगौण उत्पादध्ययग्राहक स्वभाव अनित्य शुद्व पर्या