स्वर्णनाभ!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वर्णनाभ – Svarnanaabha. Name of the 17th city in the south of Vijayardha mountain, name of a king of Arishtapur. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 17वां नगर, अस्ष्टिपुर नगर का राजा। कृष्ण की रानी पद्यावती का पिता।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वर्णनाभ – Svarnanaabha. Name of the 17th city in the south of Vijayardha mountain, name of a king of Arishtapur. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 17वां नगर, अस्ष्टिपुर नगर का राजा। कृष्ण की रानी पद्यावती का पिता।
द्वीपसागर सिद्ध The soul who gets salvation from some island, ocean. द्वीप-सागर से मुक्त होने वाले जीव।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संध्या – Sandhyaa. Evening, Joining period of night-morning, morning-afternoon & evening-night (i.e. dawn, mid-joining & dusk). शाम ” प्रातः,मध्यान्ह,सायंकाल के संधिकालों को संध्या कहते हैं ” इन संधिकालों में वंदना एवं सामायिक की जाती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप (देव) – Svaruupa (Deva). A type of peripatetic deities of Yaksh type, Name of an Indra of some peripatetic deities of Bhoot types. यक्ष जाति के व्यंतर देवो के 12 भेदो मे 10वां भेद, भूत जातिक के व्यंतर देवो का इन्द्र।
उत्तरगुण Secondary virtues of saints. मूलगुणों के अतिरिक्त पाले जाने वाले गुण उततरगुण कहलाते हैं। जैसे-मुनियों के 84 लाख गुण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विश्व – Vishva. World. संसार; ६ महाद्वीपों में उपलब्ध संसार “
एतिकायन One believing in ignorance. एक अज्ञानवादी मत को मानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोष – Santosha. Satisfaction,Contentment. शांति, परितुष्टि ” अर्थात् लोभ-तृष्णा का अभाव “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वमुख उदय – Svamukha Udaya. Natural fruition of karmas. कर्म प्रकृतियो का आपरुप होकर ही उदय मे आना स्वमुख उदय है एवं अन्य प्रकृति रुप होकर उदय मे आना परमुख उदय हैं।
उदयभावी क्षय Destruction of karmas without their fruition. बिना फल दिये आत्मा से कर्मों का संबंध छूट जान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]