दूरापकृष्टि!
दूरापकृष्टि A type of Krishti (gradual destruction of passions). कर्मों का स्थितिकाण्डकघात होते-होते जब सबसे जघन्य पल्योपम के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थिति शेष रह जाती है वह स्थिति दूरापकृष्टि है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दूरापकृष्टि A type of Krishti (gradual destruction of passions). कर्मों का स्थितिकाण्डकघात होते-होते जब सबसे जघन्य पल्योपम के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थिति शेष रह जाती है वह स्थिति दूरापकृष्टि है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राधान्य पद- उपक्रम का एक भेद; बहुत से पदार्थो के होने पर भी किसी एक पदार्थ की बहुलता आदि द्वारा प्राप्त हुई प्रधानता से बोले जाने वाला नाम। जैसे- आग्रवन, निम्नवन इत्यदि। Pradhanyapada-A type of Upakrama( a type of persuasion) dominant name or thing
तपोवृद्ध Saints more experienced or senior in austerities. तप करने में जो बडे अर्थात् अनुभवी है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपात विरमणव्रत- अहिंसाव्रत; जीवों कें प्राणों की रक्षा करना। PranatipataViramanavrata- A vow of non violence
दृष्टिप्रवाद A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). द्वादशांग श्रुत का 12 वाँ अंग जिसमें 363 मिथ्यात्व मतों का निराकरण है, यह दृष्टिवाद का अपरनाम है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राकृत संख्या- गणित की सभी पूर्ण धनात्मक संख्याएं (1, 2, 3,……………….)। Prakrtasankya- Natural number
दृढ़चर्याक्रिया To have strict faith in own philosophy. दीक्षान्वय की 48 क्रियाओं में एक शास्त्र के अर्थ का अवधारण करके स्वमत में दृढ़ता धारण करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलात्कार गण- जैनाचार्यों की शाखा; कुंदकुंद आचार्य के समय से प्रचलित। जैसा कि प्रशस्ति आदि में लिखित रहता है- कुन्दकुन्दाम्नाये सरस्वती गच्छे बलात्कार गणे………। Balatkara Gana- A branch of jain acharyas
दुष्ट प्रमृष्ट निक्षेप Placing something carelessly (a type of Ajivadhikaran). अजीवाधिकरण का एक भेद दुष्टता पूर्वक असावधानी से वस्तु को रखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]