ग्लान!
ग्लान One having diseased body (reg. saint). रोगी साधु अथवा रोग आदि से क्रांत शरीर वाला ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ग्लान One having diseased body (reg. saint). रोगी साधु अथवा रोग आदि से क्रांत शरीर वाला ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोक्त्रत्व भोग्य भाव :See- Bhokta Bhogya Bhav. देखें – भोक्ता भोग्य भाव “
धरसेन The spiritual teacher or preceptor of Acharya Pushpadant and Bhootbali. एक आचार्य, जिन्होंने पुष्पदंत- भूतबली को जैन सिद्धांत पढ़ाया और इन दोनों आचार्यों ने धवलादि मूल ग्रंथों की रचना की।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] ==आचार्य श्री धरसेन स्वामी का विशेष परिचय == भगवान महावीर स्वामी ने भावश्रुत का उपदेश दिया अत: वे अर्थकर्ता हैं। उसी काल…
गरूड़ध्वज Name of a city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गर्दतोय A division of special heavenly deities (Laukantik). लौकान्तिक देवों का एक भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाम – Prakama. Name of the 4th pre-destined Rudra. भविष्यत् कालीन चौथे रूद्र का नाम “
गरूड़ Ruling demigod of Jaina Lord Shantinath, 4th Patal (layer) of sanatkumar heaven, Eagle or a large vulture. शांतिनाथ भगवान का शासन यक्ष. सनत्कुमार स्वर्ग का चौथा पटल. एक विशालकाय पक्षी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संयम : == यथा कूर्म: स्वअंगानि, स्वके देहे समाहरेत्। एवं पापानि मेधावी, अध्यात्मना समाहरेत्।। —समणसुत्त : १३७ जैसे कछुवा अपने अंगों को अपने शरीर में समेट लेता है, वैसे ही मेधावी (ज्ञानी) पुरुष पापों को अध्यात्म के द्वारा समेट लेता है। वय समिदि कसायाणं दंडाणं तह इंदियाण पंचण्हं।…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोमर्कटविजेता – Manomarkata Vijetaa. One who has got victory over all passions. मनरूपीबंदरकोवशमेंकरनेवालेवीतरागीपरमात्मा “