उपयुक्त नोआगम भाव मंगल!
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षंड वन – Shanda Vana. The initiation forest of Lord Mahavira. तीर्थंकर महावीर का दीक्षा वन ” इसके अन्य नाम ज्ञातृ वन व मनोहर वन भी मिलते हैं “
उपपादक्षेत्र Regional place of birth (of Indras etc.). उपपाद का क्षेत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्लेष्मा – Shlesmaa. Phlegm, Mucus. कफ ” औदारिक शरीर में 6 अंगुलिप्रमाण श्लेष्मा होता है “
इन्द्रिय निग्रह See – I´driya Rodha. देखें इंद्रिय रोध।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतिगम्य – Shrutigamya. Knowledge acquired by something heard. अनपेक्षित रूप से प्रवृत्ति में कारण व श्रुतिमात्र से बोधित श्रुतिगम्य हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध (कर्मबंध)-कर्मो का बन्धना बन्ध है, यह 4 प्रकार का होता है; प्रकृति, स्थिति, अनुभाग, प्रदेष। Bandha (karmabandha)- Karmic bond
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतज्ञानी – Shrutgyaani. One well versed in scriptual knowledge. वस्तुस्वरुप को जानने वाला; श्रुतज्ञान अर्थात् शास्त्रज्ञान में पारंगत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्त्व त्रिभंगी – Sattva Tribhangee. Name of a treatise written by Acharya Kanaknandi. आचार्य कनकनंदि (ई. 339) कृत 50 गाथा प्रमाण कर्म विषयक ग्रंथ “