शरीर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर – Shareera. Body, it is of five kinds-Audarik, Vaikriyik, Aharak, taijs & Karman. सप्तधातु से निर्मित देह, यह 5 प्रकार का होता है – औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्माण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर – Shareera. Body, it is of five kinds-Audarik, Vaikriyik, Aharak, taijs & Karman. सप्तधातु से निर्मित देह, यह 5 प्रकार का होता है – औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्माण “
देहत्रय Three kinds of body. औदारिक , तैजस , कार्मण ये तीन शरीर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरावती – Sharaavatee. The ancient name of present Shravasti (the birth place of Lord sambhavnath) near district baharaich (U.P.). भगवान संभवनाथ की जन्मभूमि श्रावस्ती का अपरनाम, यह उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमभाव – Sanyamabhaava. Restraintful temperament. उपशम भाव से धारण किये गये व्रतादि संयम भाव को प्राप्त हो जाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परलोक भय:A kind of insecurity (fear) related to the future birth. सप्त भयों में एक भय, परभव मेें न मालूम क्या होगा ऐसा भय होना ।
चातुर्दीपिक भूगोल The name of an ancient composition of geography. एक भूगोल जो रायकृष्णदास जी के लेख के अनुसार वैदिक धर्मं में मान्य सप्तद्वीपिक भूगोल से अधिक प्राचीन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञोपवीत–Yagyopavit. Sacred thread (used for sanctifying or purificatory rites). एक संस्कार; चक्रवर्ती भरत ने 11 प्रतिमाओ के विभाग से वृतो के चिन्ह स्वरुप एक से लेकर 11 तार के सूत्र व्रतियो को दिये थे, जनेऊ; रत्नत्रय एवं सात परम स्थानो का सूतक 3 व 7 तारो का सूत्र” सभी पूजन–दान आदि क्रियाओ में…
एक अजीव- एक अजीव कषाय Passion related to soul and non soul matters. निक्षेप की अपेक्षा कशाय के भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दुष्टनिग्रह To punish the corrupted, wicked or vicious persons. दुष्टों को दंड देना(राजा या क्षत्रिय का एक कत्र्तव्य)। [[श्रेणी:शब्दकोष ]]
देव God, Deity, Celestials. देव शब्द का प्रयोग अर्हंत व सिद्ध भगवन्तों के लिए तथा देवगति में जन्म लेने वाले संसारी जीवों के लिए होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Name of an Acharya possessing knowledge of 11 Angas and 10 Purvas. भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् दसवें आचार्य जो 11 अंग व 10 पुर्व…