उद्धभाषण!
उद्धभाषण True speech. सत्यव्रत की 5 भावनाओं में एक भावना-आगमानुकूल वचन बोलना, इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्धभाषण True speech. सत्यव्रत की 5 भावनाओं में एक भावना-आगमानुकूल वचन बोलना, इसे अनुवीचिभाषण भी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्म:Verse, Four months stay of saints at a particular place during rainy season. काव्य, साधु का एक स्थितिकल्प वर्षाकाल के चार मास पर्यंत एक स्थान पर ही रहना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध्द्ववीर्य – Buddhavirya. Name of the questioner of Lord Pushpadant. तीर्थकर पुष्पदंत के समवसरण में मुख्य प्रशनकर्ता “
इंद्रियज सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा उनके विषय भोगने को इन्द्रियज सुख कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमोपकरण – Sanyamopakarana. Restraint indicating article (Pichchhi) possessed by Digambar jaina saint. It is made by peacock- feathers which are turned down naturally while dancing of peacock. जैन साधु के योग्य संयम का पालन करने में सहायक पिच्छिका को संयमोपकरण कहते हैं ” यह प्राकर्तिक रूप से गिरे हुए मोर के पंखों से बनायी…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्माल:A city in the north of Vijayardh (mountain). विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्याणुव्रत – Brahmacaryanuvrata. Vow of partial celibacy, to limit the desires with own wife only. ५ अणुव्रतों में व्रत; एक देश ब्रम्हचर्य पालना अथवा स्वदारसंतोंष रखना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मवान् : Name of a region of Western Videh (region), A summit of Vikritvan Vakshar, Nabhigiri mountain of Ramyak Kshetra (region) अपर विदेह स्थित एक क्षेत्र, विकृतवान् वक्षार का एक कूट, रम्यक क्षेत्र का नाभिगिरी ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अस्तित्व – Bhava Astitva. A property of matter related to its eternal exist- ence. द्रव्यों के ६ सामान्य गुणों में एक गुण, जिसके निमित्त से द्रव्य का कभी नाश नहीं होता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मप्रभ मलधारी देव: Disciple ofamsar and wirter of Parshvanath stotra, etc. वीरनन्दि के शिष्य (ई0 श0 1140-1185), नियमसार टीका व पाश्र्रनाथ स्तोत्र के रचयिता । उनकी नियमसार टीका का हिन्दी अनुवाद गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी ने किया है।