पब्भार!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पब्भार:An educational institution शिक्षागृह।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == तपस्वी : == नाऽपि तुण्डितेन श्रमण:, न ओंकारेण ब्राह्मण:। न मुनिररण्यवासेन, कुशचीरेण न तापस:।। —समणसुत्त : ३४१ केवल सिर मुंडाने से कोई श्रमण नहीं होता, ओम् का जप करने से कोई ब्राह्मण नहीं होता, अरण्य में रहने से कोई मुनि नहीं होता, कुश—चीवर धारण करने से कोई तपस्वी…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्रोध : == पासम्मि बहिणिमायं, सिसुं पि हणेइ कोहंधो। —वसुनन्दि श्रावकाचार : ६७ क्रोध में अंधा हुआ मनुष्य पास में खड़ी माँ, बहिन और बच्चे को भी मारने लग जाता है। कोवेण रक्खसो वा, णराण भीमो णरो हवदि। —भगवती आराधना : १३६१ क्रुद्ध मनुष्य राक्षस की तरह भयंकर…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संग्रहनय – Sangrahanaya. A standpoint related to collection of matters. अभेद रूप से अर्थात् अपनी जाति का विरोध न करके जो समस्त वस्तुओं को संग्रह करके कथन करता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मसिंह: A saint who wrote the bgook Gyansara. ध्यानविषयक ज्ञानसार ग्रन्थ के रचयिता एक मुनि (ई0 1029)।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यक्ष–Yaksha. A type of peripatetic deities, Demigod. व्यंतर देवों के 8 भेदों में एक भेद; समवसरण में एवं अकृत्रिम जिन प्रतिमा को यक्ष देव 64 चमर ढोरते है” 24 वर्तमान तीर्थंकर भगवंतो के 24 शासन यक्ष क्रमक्ष: इस प्रकार है – 1. गोमुख देव 2.महायक्ष देव 3. त्रिमुख देव 4. यक्षेश्वर देव 5….
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रह्लाद – हसितनापुर के राजा पù के बलि आदि 4 मंत्रियों में एक मंत्री इसी के साथ बलि ने अकम्पनाचार्य अदि 700 मुनियों पर उपसर्ग किया था। Prahalada- One who committed tyranny on all 700 saints (akampanacharya etc) with bali
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मरागमयी: One of the six circumferences of Sumeru mountain. सुमेरू पर्वत की 6 परिधियों में एक परिधि ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात भागवृद्धि – Sankhyaata Bhaagavriddhi. Finite increase in any number. किसी संख्या का संख्यात भाग किसी में बढ़ाना “