भुजबलिचरित!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजबलिचरित – Bhujabalichrita. A book written by Doddhyya. “. दोद्दय्य’ द्वारा रचित एक ग्रंथ ” इसमें भगवान बाहुबली का जीवन चरित्र है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजबलिचरित – Bhujabalichrita. A book written by Doddhyya. “. दोद्दय्य’ द्वारा रचित एक ग्रंथ ” इसमें भगवान बाहुबली का जीवन चरित्र है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पाहुड–Mishra Paahud. Gift with animate and inanimate object. प्राभृत; स्वर्ण के साथ हाथी और घोड़े का उपहार रूप से भेजना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र मोहनीय–Mishra Mohneeya. See – Mishra Prakrati. देखे– मिश्र प्रकृति”
एकांत One sided, Absolute, A type of wrong perception. मिथ्यात्व के 5भेदों में एक भेद- द्रव्य और पर्यायरूप पदार्थ में किसी एक अंग को जानकर यह समरू लेना कि इतना ही इसका स्वरूप है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मशिरस् – Brahmasiras. Name of a weapon which can make ineffective the another weapon which named as Ashvagriv. अश्वग्रीव नामक शास्त्र को रोकने में समर्थ शस्त्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वार्षिक प्रतिक्रमण – Vaarshika Pratikramana.: A type of repentance carried on annually by Jain saints. प्रतिक्रमण के 7 भेदों में एक भेद ,सांवत्सरिक प्रतिक्रमण जो एक वर्ष में किया जाता है “आषाढ़ शु. चतुर्दशी या पूर्णिमा को यह प्रतिक्रमण किया जाता है इसमें गुरु समस्त शिष्यों को एक वर्ष का प्रायशि्चत्त प्रदान करते हैं…
एकपर्यायमययत्व See – Ekapadårthasthitva. देखें- एकपदार्थस्थित्व।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़ता–Muudhta. Ignorance, Stupidity. अज्ञानता, तत्वों के यथार्थ ज्ञान में भड़क कुद्रष्टि” इसकेतीन भेद है – देवमूढ़ता, गुरुमूढ़ता, लोकमूढ़ता”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गच्छ : == रत्नत्रयमेव गण:, गच्छ: गमनस्य मोक्षमार्गस्य। संघो गुणसंघात:, समय: खलु निर्मल: आत्मा।। —समणसुत्त : २६ रत्नत्रय ही ‘गण’ है। मोक्षमार्ग में गमन ही ‘गच्छ’ है। गुण का समूह ही संघ है तथा निर्मल आत्मा ही समय है। अत्यं यासइ अरहा सुत्तं गंथंति गणहरा निउणं। अर्थ (सिद्धान्त/भाव…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्य नैगम नय – Shuddhadravya Naigama Naya. A standpoint pertaining to pure matters. शुद्धद्रव्य को विषय करने वाले संग्रह व व्यवहार नय “