भवविचय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवविचय – Bhavavicaya. Right meditation on materialistic world or cycle of birth. सातवाँ धर्मध्यान; भव – संसार सदैव दुःख रूप ही है’ ऐसा चिंतन करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवविचय – Bhavavicaya. Right meditation on materialistic world or cycle of birth. सातवाँ धर्मध्यान; भव – संसार सदैव दुःख रूप ही है’ ऐसा चिंतन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्गधारा – Vargadhaaraa.: A type of mathematical series. श्रेणी व्यवहार गणित की सर्वधारा आदि 14 धाराओं में एक ; 1, 4, 9,16 (12, 22,32,42)………….
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवन – Bhavana. Residential places (of human being, deities etc.) भवनवासी देवों के रहने के स्थान एवं मनुष्यों के आवास भवन कहलाते हैं “
दुष्प्रकृष्ट With having much cruelty or wickedness. बुराई की उत्कृष्टता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरतनु (द्वीप ) – Varatanu (Dviipa): Name of an island of Lavan & Kalod oceans. लवण तथा कालोदसागर का अन्तर्दिप “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायकेवली – Nyaayakevali. Name of a book written by Acharya Shridhar-2. आचार्य श्रीधर-२ (ई. सन् 991) द्वारा रचित एक नैयायिक ग्रंथ “
दूरार्थ Far reaching, far off (related to great personalities, places etc.). जो पदार्थ क्षेत्र से दूर है या काल की अपेक्षा राम , रावण आदि दूरार्थ कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वध्यघातक – Vadhyaghaataka: Contradictory relation pertaining to destruction. विरोध के तीन भेदों में प्रथम भेद; वध्यघातक भाव विरोध जो सर्प-नेवले, अग्रि-जल आदि में होता है ” संबंध के अनेक भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रमुख – Bhadramukha. Name of a jewel (a great architecture) of Chakravarti ‘Bharatesh’. भरतेश का ‘स्थपति’ रत्न, यह वास्तुकला का ज्ञाता था “