दश द्वार!
दश द्वार Ten means of air–exit in the body. प्राणायाम करी वायु निकलने के सूक्ष्म छिद्र तालुन्ध्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश द्वार Ten means of air–exit in the body. प्राणायाम करी वायु निकलने के सूक्ष्म छिद्र तालुन्ध्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांतिकीर्ति – Shantikeerti. The disciple of Meghchandra of nandi group; Namr of a Kannad poet, the writer of Shantinaatha. नंदिसंघ बलात्कारगण, मेघचंद्र के शिष्य मेरुकीर्ति के गुरु, समय – ई. 705-720 ” शांतिनाथ पुराण के रचियता एक कन्नड़ कवि, समय ई.- 1519 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अनुप्रेक्षा – Nishchaya Anuprekshaa. Reflection about absolutsim (knowledge of soul is Supreme). मुनि अवस्था में शुद्ध निश्चय नय से आत्मा का स्वरुप देवादिपर्यायोंसे रहित ज्ञानस्वरूप मात्र है इस तरह का चिंतन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयम – Sanyama. Abstinence, Restraints, Mortification. व्रत समिति आदि रूप से प्रवर्तना अथवा विशुद्धात्मध्यान में प्रवर्तना संयम है ” 5 इन्द्रिय और मन का वशीकरण तथा षट्काय के जीवों की रक्षा करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहागल –Lohaagal The 11th city of the southern Vijayardha mountain . विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 11वां नगर “
तोलामुलितेवर Name of an Acharya (writer of ‘Chulamani’). ई.श.7 से पूर्व के एक आचार्य जिन्होंने चूलामणि नामक ग्रंथ की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्व्याकुल चित्त – Nirvyaakula Chitta. Mind free from all agitations. सुख; शांत मन अर्थात् व्याकुलताओं से रहित मन “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य मंगल–Mukhya Mangal. Eulogical hymn of Lord Jinendra for auspiciousness. ज्ञानियो द्वारा शास्त्र के आदि; मध्य व अन्त में विघ्न निवारण के लिए किया जाने वाला जिनेन्द्र देव का गुणस्तवन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वेगिनी कथा – Nirveginee kathaa. Story which produces feelings of asceticism or datachment. 4 धर्मकथाओं में एक कथा–संसार, शरीर और भोगों में वैराग्य को उत्पन्न करने वाली कथा ” अपरनाम-निर्वेजनी कथा “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनि प्रायश्चित (शास्त्र)–Muni Prayshchit (Shastra). Name of a treatise written by Acharya Indranandi. आचार्य इन्द्रनंदी (ई.श.10–11) की एक रचना; जिसमे साधुओ के दोषों व शक्ति के अनुसार प्रायश्चित देने की विधि का वर्णन है”