पंकप्रभा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकप्रभा – Pankaprabhaa. That (4th) earth which has the colour of clay or mud. चतुर्थ नरक भूमि; जिसकी प्रभा कीचड़ के समान है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकप्रभा – Pankaprabhaa. That (4th) earth which has the colour of clay or mud. चतुर्थ नरक भूमि; जिसकी प्रभा कीचड़ के समान है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मसेन:Past-birth name of Lord Vmalnath, Name of a great Acharya. विमलनाथ भगवान के पूर्वभव का नाम, भगवान महावीर निर्वाण के पश्चात् हुए आचार्यो में एक आचार्य ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भववृक्ष – Bhavavrksa. The symbolic disposition of the mortal world in the form of a tree. संसार व्रक्ष; जहाँ प्राणी मधुविंदु के समान पञ्वेन्दिृय विषयों के क्षणिक सुख में डूबकर अनन्त संसार का बंध करता है ” ध्यानरूपी कुठार के द्वारा भाव श्रमक ही इस भव व्रक्ष का छेदन करते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाजनांग जातीय कल्पवृक्ष – Bhajanamga Jatiya Kalpavrksa. A type of wish fulfilling trees (providing uten-sils). भोगभूमि में पाये जाने वाले १० कल्पवृक्षों में एक, यह कल्पवृक्ष सुवर्ण एंव बहुत से रत्नों से निमित धवल झारी, कलश, गागर आदि बर्तन प्रदान करने वाला होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिहितास्त्रव – Pihitasrava. Name of the father of Tirthankar (Jaina- Lord) Padmaprabh- Suparshvanath in past birth, Name of a Digambar Acharya. तीर्थंकर पद्मप्रभ, सुपार्श्वनाथ के पूर्व भाव के पिता, एक दिगाम्बराचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मलेश्या : One of the six Leshyas; characteristics of virtuous persons. जो त्यागी हो, भद्र हो, उत्ततम काम करने वाला हो, बहुत भी अपराध होने पर क्षमा कर दे, साधुजनों के गुणों के पूजन में निरत हो, ये सब पदमलेश्या के लक्षण है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विष्णु –Visnu. Another name of Narayan, One of the great Acharya after salvation of Lord Mahavira. त्रिखंडाधिपति नारायण को विष्णु कहते हैं, त्रिपृष्ठ, द्विपृष्ठ, स्वयंभू, पुरुषोत्तम, पुरुषसिंह, पुण्डरीक, दत्त, लक्ष्मण और क्रष्ण ये ९ विष्णु (नारायण) हैं ” महावीर निर्वाण के ६२ वर्ष बाद हुए ५ आचायों में प्रथम आचार्य, ये श्रुतकेवली…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्मसाम्पराय संयम – Sukshmasaamparaaya Sanyama. Restraints with minute greediness. मोहकर्म का उपशमन या क्षपण करते हुए सूक्ष्म लोभ का वेदन करना सूक्ष्मसांपराय संयम हैं और धारक महामुनि सूक्ष्मसांपराय संयत कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पित्त – Pitta. Bile (a bitter fluid secreted by the liver). औदारिक शारीर में यकृत द्वारा स्त्रावित पित्त नामक धातु “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मपुख: Name of the 15th predestined Kulkar (ethical founder). भविष्यकालीन 15 वे कुलकर का नाम ।