धृतिभावना!
धृतिभावना Steadfast; calm in nature. धैर्यरूपी परिधान धारण करना । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धृतिभावना Steadfast; calm in nature. धैर्यरूपी परिधान धारण करना । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्तप्रसाद Auspicious observances. शुभोपयोग- दान , पूजा , व्रत , शील आदि शुभ राग तथा चित्तप्रसाद रूप परिणाम, शुभ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धृततेज A king of Kuru dynasty. कुरूवंश का एक राजा ,धृतोदय का पुत्र और धृतयश का पिता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चक्रपुरी Name of the capital of Gandha country in Videh (region). अपर विदेह के गंधा नामक देश की राजधानी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृष्ट – Sprasta. Touched.स्पर्ष किया हुआ, प्राप्यकारी या छूकर-भिड़कर जाना हुआ (चक्षु इन्द्रिय अप्राप्यकारी है, क्योकि वह स्पृष्ट रुप से पदार्थ को ग्रहण नही करती, शेष 4 इन्द्रिय प्राप्यकारी है)।
धारा नगरी Present Dhar city in Madhya pradesh, where Mantun-gacharya composed Bhaktamar Stotra. मध्यप्रदेश का एक नगर जहां के कारावासस में मानतुंग आचार्य द्वारा भक्तामर स्तोत्र की रचना हुई। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छत्रपति A poet who wrote many books like Dvadashan-upreksha, Udyamprakash etc. कोका (मथुरा) के एक कवि (वि. १९१६ पौष शुक्ल १) जिन्होंने द्वादशानुप्रेक्षा , उद्यमप्रकाश आदि रचनाएं की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षनानुयोगद्वार – Sparssananuyodgdvaara. A type of Anuyogdwar (disquisition door) pertaining to the description of past & present of a matter (reg. touching).जो भूतकाल मे स्पर्ष किया है और वर्तमान मे स्पर्ष किया जा रहा है वह स्पर्षन कहलाता है। सत् संख्या और क्षेत्र रुप द्रव्यो के अतीतकाल, विशिष्ट वर्तमान स्पर्ष का स्पर्षनानुयोग वर्णन करता…
धातकीखंड (द्वीप) An island situated in middle universe. मध्यलोक में स्थित द्वितीय द्वीप जिसकी सब रचना जम्बूद्वीप से दूनी-दूनी हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]