विभंग ज्ञानी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभंग ज्ञानी – Vibhamga Jnani. One having false perception or knowledge. कुअवाधिज्ञान, मिथ्याद्रष्टि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभंग ज्ञानी – Vibhamga Jnani. One having false perception or knowledge. कुअवाधिज्ञान, मिथ्याद्रष्टि “
तिक्त रस Pungent flavour, bitter in taste. कडुवा रस या स्वाद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
खुरपा A weeding or scraping instrument. घास छीलने का एक औजार,जो संज्वलन कषाय माया की शक्ति का उदाहरण है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छना – Prcchana. Questioning. स्वाध्याय के ५ भेदों में एक भेद; किसी विषय में संशय होने पर उसे दूर करने हेतु प्रशन पूछना “
खेचरनी Another name of female Vidyadhars. विद्याधर स्त्रियाँ । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावबंध – Bhavabamdha. Psychical bondage of Karmas. जिस चेतन परिणाम से कर्म बंधता है वह भाव –बंध है ” जैसे- क्रोधादि परिणाम भाव बंध कहलाते हैं अर्थात् आत्मा के शुध्द – अशुध्द परिणामों से जो कर्म का बंध होता है “
तपाचार Observance of austerity. बारह प्रकार के तपों का आसचरण करना अनशन अवमौदर्य , रसपरित्याग, वृत्ति- परिसंख्यान, कायक्लेश और विविक्तशरूयायन ये 6 बाह्य तप है एवं प्रायश्चित्त , विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, ध्यान और व्युत्सर्ग ये 6 अंतरंग तप हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]