विनय संपन्नता!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनय संपन्नता – Vinaya Sampannata. Reverence with respect (humble reverence). षोडशकारण भावना का एक भेद; ज्ञान आदि गुणों और उनके साधक गुरुजनों का यथायोग्य रीती से आदर सत्कार करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनय संपन्नता – Vinaya Sampannata. Reverence with respect (humble reverence). षोडशकारण भावना का एक भेद; ज्ञान आदि गुणों और उनके साधक गुरुजनों का यथायोग्य रीती से आदर सत्कार करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिसंघ – Namdisamgha A group of Digambara jain Saints. दिगम्बर जैन साधुओं का एक संघ ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेंत – Veinta. Cane, A stick. वेत्त, लाठी ” संज्वलन मान कषाय का दृष्टन्त “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदा – Namda Name of a river of Bharat kshetra in Aryakhand (region), A large well in Nandishvardvip (island), A female deity of Ruchak mountain , Mother’s name of Lord sheetalnath, A type of exposition. भारतक्षेत्र अर्यखण्ड की एक नदी, नंदीश्वर द्वीप की एक दिशा में स्थित एक वापी, रुचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पौष्टिक आहार – Paustika Ahara. Ncurishing food or invigorating food. पोषक, बलवर्धक आहार “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूक संज्ञा–Muuk Sangya. An infraction of meditative relaxation or posture of meditation. कायोत्सर्ग का एक अतिचार” गूंगे की भाति हुनकर कटे हुए खड़े होना, अंगुली से किसी वस्तु की ओर संकेत करते हए खड़े होना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नम्दाकवि A Pandit who wrote ‘Sudarshan charitra’ पंडित; सुदर्शन चरित्र के कर्ता ।
एकांत स्थान Absolute place, Secluded place. जहाँ किसी का आना जाना न हो ऐसा शून्य स्थान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक हजार आठ A number – 1008 (characteristics of Tirthankar – Jaina Lord. तीर्थंकर भगवान के 1008 लक्षण होते हैं। सहस्रनाम स्तोत्र में भवान के 1008 नाम हैं। सहस्रनाम विधान में 1008 अध्य्र हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]