भुमिधन!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुमिधन – Bhumidhana. A type of mathematical quantity. अंतधन, एक कम पद का चय से गुणा करके उसमें प्रथम समय का प्रमाण जोड़ देने पर यह निकलता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुमिधन – Bhumidhana. A type of mathematical quantity. अंतधन, एक कम पद का चय से गुणा करके उसमें प्रथम समय का प्रमाण जोड़ देने पर यह निकलता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्परिणाम – Satparinaama. Auspicious temperaments or involvement. द्रव्य का परिणमन ” शुभ उपयोग रूप जीव का परिणाम अर्थात् भाव “
त्रिकाली पर्याय Practice of equanimity three times a day. तीन कालों में क्रम से होने वाली अनंत पर्यायें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलास – Vilasa. Flirthing, Merriment, enjoyment. आनंद, मनोरंजन “
घनमूल Cube root. गणित में घनराशि का मूल अन्नक- जैसे ६४ का घनमूल ४ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोज्यशूद्र:A lower division of people of society. कारू शूद्र का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।
गुणनिमित्तक नाम The names like krishna, Mahavira etc. which are pronounced to express virtues. ऐसे नाम जो गुणों के निमित्त से व्यव हार में आते हैं, जैसे कृष्ण, महावीर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]