चतुर्थ-भक्त!
चतुर्थ-भक्त A kind of a particular fasting. पहले और तीसरे दिवस दिन में दो बार भोजन लेना और बीच के दिन कुछ नहीं लेना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्थ-भक्त A kind of a particular fasting. पहले और तीसरे दिवस दिन में दो बार भोजन लेना और बीच के दिन कुछ नहीं लेना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिकंठ – Harikaamta. Name of the 2nd predestined Pratinarayan. आगामी दूसरे प्रतिनारायण।
आय-ज्ञान A book written on astrology by ‘Bhattavosari’. भट्टवोसरि (ई.श.10 उत्तरार्ध) द्वारा रचित एक ज्योतिष विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दीप्त ऋद्धि A type of supernatural power of increasing lustre in the body like Sun. जिस ऋद्धि के प्रभाव से सूर्य के समान शरीर की दीप्ति बढ़ती है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपरिवाद कथा:Condemnatory talk.25 विकथाओं में एक कथा दूसरे की निंदा आदि करना ।
त्रिषष्ठि शलाका पुरूष चरित्र Name of books written by Chamundraya and Shvetamdaracharya Hemchandra seperately. चामुण्डराय (ई.श. 10-11) एवं श्वेताम्बराचार्य हेमचन्द्र (ई.1088-1173) द्वारा रचित ग्रंथों का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाहा – Svaahaa. An exclamation used in the worshipping of God. पूजा, मंत्र, हवन आदि मे प्रयुक्त होने वाला शांतिवाचक एक विषेष शब्द।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परघात नामकर्म प्रकृति:A Karmc nature whicdh causes formation of destructive means like poision etc. in the body. पर जीवों के घात को परघात कहते है। जिस कर्म के उदय से शरीर में पर को घात करने के कारणभूत पुदगल निष्पन्न होते हैं, वह परघात नामकर्म प्रकृति है।
दिगाचार्य Acharyas having knowledge of all directions. सर्व दिशाओं के ज्ञाता आचार्य। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूति – Svaanubhuuti. Self realization or intuition. आत्मानुभूति। आत्मा का अनुभव या ज्ञान जो सम्यक्त्व स्वरुप है।