प्रातिक देव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिक देव- एक प्रकार का व्यंतरजातीय देव। Pratika Deva- A type of peripatetic deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिक देव- एक प्रकार का व्यंतरजातीय देव। Pratika Deva- A type of peripatetic deities
त The sixteenth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी लिपि का सौलहवाँ व्यंजन अक्षर , इसका उच्चारण स्थान दंतमूल है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]][[श्रेणी:पुत्र]] प्राणत – कल्प स्वर्गो में 14 वा कल्प ;स्वर्गद्ध Pranata- The 14th heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्यान क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; जन्म के 3/4 महीने पश्चात् बालक को प्रसूतिगृह से बाहर लाना एवं यथाशक्ति कुछ भेंट आदि देना। Bahiryana Kriya- A type of auspicious activity, presenting some articles on the birth celebration of a newly born child
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवाद – Sanvaad. Dialogue, Conversation. बातचीत, वार्तालाप, सहमती “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालचंद्र- मुनि; समयसार, प्रवचनसार, पंचास्तिकाय, तत्त्वार्थसूत्र व परमात्मप्रकाश के कत्रड़ टीकाकार। समय- ई.श. 13 पूर्व। इस नाम से भवत्रिभंगी तथा द्रव्य संग्रह की टीका के कर्ता (ई. 1273-1311) आदि अन्य दिगम्बर मुनि भी हुए है। Balacandra- Name of some Jaina saints
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्दनवार- धोरण, वन्दनमाला जो मंदिर के द्वार पर लटकायी जाती है। Bandanavara- Auspicious hangings (of wreath etc) hung at the entrance door of temple
देवशर्मा The 5th chief disciple of Lord Rishabhanath. भगवान ऋषभदेव के 84 गणधरों में से 5वें गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इन्द्रभूति- पूर्व भव में आदित्य विमान में देव थे। यह गौतम गोत्रीय ब्राह्मण थे। वेद पाठी थे। भगवान वीर के समवशरण में मानस्तम्भ देखकर मानभंग हो गया। व 500 शिष्यों के साथ दीक्षा धारण कर ली। तथा सात ऋद्धियाँ प्राप्त हो गयी। भगवान महावीर के प्रथम गणधर थे। आपको नावण कृश्ण एकम् के पूर्वोह काज…