पारिणामिक भाव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक भाव – Parinamika Bhava. A type of instinct of nature of living beings. जीव के निज ५ भावों में एक भाव. इसके तीन भेद होते हैं- जीवत्व, भव्यत्व और अभव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक भाव – Parinamika Bhava. A type of instinct of nature of living beings. जीव के निज ५ भावों में एक भाव. इसके तीन भेद होते हैं- जीवत्व, भव्यत्व और अभव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयतासंयत – Sanyataasanyata. One having control & restraints with minor vows. एकदेश रूप व्रतों के या अणुव्रत के धारक जीव ” व्रती श्रावक, क्षुल्लक व ऐलक ये संयतासंयत कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुभौम – Subhauma. Name of the 8th Chakravarti (emperor). 8वे चक्रवर्ती, जो णमोकार मंत्र का अपमान करने के कारण मरकर 7 वे नरक में गयें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारंगत – Paramgata. Well versed, expert. निपुण, कुशल. द्वादशांग के पारंगत मुनि को श्रुतकेवली कहते हैं “
गंधकुटी Seat of Lord in Samavashran – the holy assembly of Jaina lord. समावशरण के मध्य भगवान के बैठने का स्थान । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लुंका-Lunkaa.: One who started lunkaa philosophy. गुजरात(अणहिल नगर) में कुलुम्बी वंशीय एक महामानी लुंका जिसने लुंकामत (ढूंढिया मत) चलाया “अपरनाम स्थानकवासी एक श्वेताम्बर मत ” समय – वि.सं. 1527 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापभीरुता – Papabhiruta. Fearfulness from sins. पाप से भयभीतपना “
देशातिचार A type of infraction related to mind, speech and body. अतिचार का एक भेद मन, वचन, काय तथा कृत, कारित, अनुमोदना के भेद से देशातिचार अनेक प्रकार का है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवकी The mother’s name of Lord Krishna. कंस की बहन जो वसुदेव को विवाही गई, कृष्ण की माता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पादानुसारी ऋद्वि : A type of supermatural power causing knowledge of whole scriptures by studying only fraction of it.समस्त श्रुत के अक्षर पदो को जानने वाली बुद्वि रुप ऋद्वि है।