घोर ब्रह्मचर्य!
घोर ब्रह्मचर्य A supernatural power of having continuous celibacy. ऋद्धि-जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु सर्वगुणों से संपन्न होकर अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोर ब्रह्मचर्य A supernatural power of having continuous celibacy. ऋद्धि-जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु सर्वगुणों से संपन्न होकर अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीकथा -Strikathaa. Passionate tale or romantic gossip.विकथा के 4 भेदो मे एक भेद। स्त्रियो की रागोत्पादक कथाओ को सुनना या करना अथवा कामीजनो द्वारा की जाने वाली स्त्रियो की संयोग-वियोग जनित विविध वचन रचना।
धम्मपरिक्खा A book written by Harishena. धर्मपरिक्षा ; ई. सन् 987 में हरिषेण कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चरणसार A book written by Acharya Padmanandi. चारित्रसार ; आचार्य पद्मनंदि (ई. श.. ११ उत्तरार्ध) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधितंत्र टीका – Samaadhitantra Teekaa. Name of a commentary book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-1020) कृत संस्कृत टीका।
धनदेव Name of the 6th chief disciple of Lord Rishabh-anath, The son of Kuberdatta. ऋषभनाथ के छठे गणधर एक वैश्य कुबेर दत्त का पुत्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्रकारपुर A city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवानुगामी – Bhavanugami. A type of clairvoyance (remains with one after transmigration). अनुगामी अवधिज्ञान का एक भेद; जो अवधिज्ञान उत्पन्न होकर उस जीव के साथ अन्य भव में जाता है “
चांडाल The untouchables, a sinful person (used as a rebuke) pertaining to the obstacle in saint-food. अस्पर्श शुद्र , चाण्डालादि के दिख जान एपर या उसका शब्द कान में पद जाने पर आहार में अन्तराय हो जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवसरण – Samavasarana. Assembly of Lord Arihant, the place of resonant preaching of Lord Arihant. तीर्थकर की घर्मसभा को समवसरण कहते है। जहां समस्त स्त्री-पुरुष पशु-पक्षी, और देवी-देवता समान भाव से भगवान का उपदेष सुनते है अथवा जहां सभी भव्य जीव तीर्थकर की दिव्यध्वनि के अवसर की प्रतीक्षा करते है वह समवसरण है। सौधर्म…