लज्जा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लज्जा – षर्म, अंतकरण की वह भावना जिसके कारण दूसरों के सामने वृत्तियां संकुचित हो जाती है। Lajja-Sense of decency or modesty, shame
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लज्जा – षर्म, अंतकरण की वह भावना जिसके कारण दूसरों के सामने वृत्तियां संकुचित हो जाती है। Lajja-Sense of decency or modesty, shame
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धि अक्षर – अक्षर के तीन भेदो मे एक भेद, सूक्ष्म निगोेद लब्ध्यापर्याप्तक से लेकर श्रुत केवली तक जीवो के जितने क्षयोपषम होते है उन सबकी लब्ध्यक्षर संख्या है। Labdhi aksara- Destructional cum subsidential state of karmas of all beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगि – जिसने ष्वास को जीत लिया।जो नेत्र टिमकर रहित है, जो काय के समस्त व्यापार से रहित है, निसन्देह वह योगी है। Yogi-Meditator, Who is deeply engrossed into supreme knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यौग – नैयायिक दर्षन का अपरनाम। Yauga-The other name of Naiyayik philosophy
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्परानुविद्व:The integrated or the unseparable.आपस में मिला हुआ या छिदा हुआ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार स्थिति बंध – Bhujagara Sthiti Bamdha. Binding of durational bondage of Karma increase- ingly. जहां पहले कम स्थिति बंध होता था, आगे व्रद्धि के साथ स्थिति बंध होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोनंदी – नन्दीसंघ बलात्कर गण में यष कीर्ति ई 231 – 299 के षिश्य व देवनंदी के गुरू ई 289 – 336। Yasonamdi-Name of an Acharya of nandi Group
त्रिदंशजय A king of Ikshvaku dynasty. इक्ष्वाकुवंश का एक राजा । अंत में पुत्र को राज्य सौंपकर दीक्षा ली थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिभोजनत्यागव्रत कथा – नेमिदत्त कृत एक गं्रथ। Ratribhojanatyagavrata katha-name of a religious book written by a celibate Brahamachari nemidatta