वातवलय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वातवलय – Vaatavalaya.: Three types of air covers surrounding the universe. वृक्ष की त्वचा के समान लोक को घेरे हुए वायु के तीन वलय घनोदधि ,घनवान और तनुवात “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वातवलय – Vaatavalaya.: Three types of air covers surrounding the universe. वृक्ष की त्वचा के समान लोक को घेरे हुए वायु के तीन वलय घनोदधि ,घनवान और तनुवात “
एकत्वस्थिति Position of absolute meditation. निज शुद्धात्मा की उपलब्धि या निर्विकल्प सुख की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्रविड़ देश A region of south India, associated with Acharya Kund-Kund. दक्षिण प्रांत का एक भाग, जिसमें आचार्य कुन्दकुन्द हुए।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचांक – Panchanka. A denotation of numberial increase. संख्यात भाग वृद्धि की संज्ञा “
दोलायित An infraction of meditative relaxation (mental & bodily fluctuation). कायोत्सर्ग का एक अतिचार; हिंडोले दउकी भांति शरीर का अथवा मन का डोलना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव अर्थपर्याय – Vibhava Arthaparyaya. Delusive feelings in one caused due to some other matters (destruction of qualities of one). पर द्रव्य के निमित्त से जो द्रव्य के गुणों में विकार हो ” जैसे, जीव के राग द्वेष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशैलपुर – Panchashailapura. Another name of Rajgar city, the first preaching place of Lord Mahavira and the birth place of Lord Munisuvwrtnath. राजग्रह (राजगृही) नगर का दूसरा नाम” यहाँ पांच स्थित हैं जिनमें से प्रथम पर्वत विपुलाचल पर भगवान महावीर की प्रथम दिव्यध्वनि खिरी थी” वर्तमान में बिहार प्रदेश के नालंदा जिले में स्थित…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विद्या : == सम्यगाराधिता विद्यादेवता कामदायिनी। —आदिपुराण : १६-९९ विद्या देवता की सम्यग्—सही विधि से आराधना करने पर वह समस्त इच्छित फल प्रदान करती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाक् छल – Vaakchala.: A kind of deception (wrong opposition of speaker). छल के तीन भेदों में एक भेद; वक्ता के विवक्षित अर्थ की जान-बुझकर उपेक्षा कर अर्थातर की कल्पना करके वक्ता के वचन का निषेध करना “