पाद मुण्ड!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाद मुण्ड :Controlling of feet-activities by Jain Sainth (in samayik etc).जैन मुनियो के दस प्रकार के मुण्डन मे से एक, सामायिक इत्यादि के समय स्वच्छदापूर्वक पगो का संकोच व विस्तार न करना, पगो की क्रियाओ को वश मे रखना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाद मुण्ड :Controlling of feet-activities by Jain Sainth (in samayik etc).जैन मुनियो के दस प्रकार के मुण्डन मे से एक, सामायिक इत्यादि के समय स्वच्छदापूर्वक पगो का संकोच व विस्तार न करना, पगो की क्रियाओ को वश मे रखना।
उपमिति भवप्रपंच कथा A book written by ‘Shvetambaracharya Siddhirthi’. श्वेताम्बराचार्य सिद्धिर्थि (ई. सन् 905)द्वारा रचित एक ग्रन्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिपृष्ठ One of the past birth of Lord Mahavir who was the first Narayan in the time of Lord Shreyansnath. भगवान महावीर के पूर्व भव में एक भव – श्रेयांसनाथ भगवान के समय में हुआ प्रथम नारायण, जो बाद में महावीर स्वामी हुए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपचारछल Formal deceitful behaviour, Metaphoric presen-tation. उपचार अर्थ में मुख्य अर्थ का निषेध करके वक्ता के वचनों का निषेध करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पर परिहार विरोध :Mutual repelling of Virtues for knowing their existence.गुणों का एक दूसरे के साथ परिहार करके उनका अस्तित्व मानना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार स्थिति बंध – Bhujagara Sthiti Bamdha. Binding of durational bondage of Karma increase- ingly. जहां पहले कम स्थिति बंध होता था, आगे व्रद्धि के साथ स्थिति बंध होना “